खायेंगे हम नई कसम मेरीगंज1 में आओ हिरामन2 तोड़कर पुरानी कसम खोजेगे हीराबाई3 को खायेगें हम नई कसम सुन लो पीड़ा परती पुतरों4 की करता नहीं ई अब कोई रहम पुरा हुआ न सपना जित्तन5 का आंखे है... Read more
’ यह आंदोलन तो जीने की चेष्टा है ।’ लगभग 44 साल पहले 4 नवंबर 1974 को जेपी के सिर पर पटना में अर्ध सैनिक बल ने लाठी चला दी थी। नानाजी देशमुख ने उस लाठी को अपनी बांह पर रोक लिया था। इस घ... Read more
Admin in: अनंत / एक हिन्दी सेवक का सड़क पर संघर्ष
हाशिये से वर्चस्व को चुनौती देते हुए नई लकीर खींच रहे है लालजी प्रसाद ...
Admin in: लेख / नर - नारी समानता के अग्रदूत अंबेडकर
अम्बेडकर को याद करते हुए उनकी जयंती पर अत्यंत ही पठनीय लेख प्रकाशित कर ...
Admin in: अनंत / रेणु साहित्य पर केन्द्रित गीत
हिंदी साहित्य यह एक नई शैली विकसित करने कि दिशा में सार्थक प्रयास ...
Admin in: साक्षात्कार / ४४ साल पहले फणीश्वरनाथ रेणु से सुरेंद्र किशोर की खास बातचीत
साहित्यिक इतिहास के लिहाज से यह एक सार्थक खोज कार्य है ...
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